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2013 में क्या कहते हैं सितारे – पं.विनोद चौबे

ज्योतिषाचार्य पं.विनोद चौबे
ज्योतिषाचार्य पं.विनोद चौबे
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2013 में क्या कहते हैं सितारे – पं.विनोद चौबे

-ज्योतिषाचार्य पं.विनोद चौबे, संपादक ‘ज्योतिष का सूर्यÓ राष्ट्रीय मासिक पत्रिका, मोबाईल नं. 09827198828, भिलाई

1 जनवरी 2013 को रात्रि ०१: 00 मिनट पर कन्या लग्न में वर्ष 2013 का प्रवेश हो रहा है उस समय सूर्य धनु राशि एवं चंद्र कर्क राशि पर मौजूद रहें तथा आश्लेषा नक्षत्र रहेगा नक्षत्र स्वामी बुध (कन्या, मिथुन राशि का स्वामी होता है) यह संयोग की बात है कि कमिथुन राशि के छत्तीसगढ़ का गठन भी कर्क लग्न में 1 नवंबर 2000 को हुआ था अतएव यह वर्ष छत्तीसगढ़ के लिये काफी अच्छा साबित होगा हालॉकि राहु, शनि के वृश्चिक राशि पर मौजूद रहने से देश के दक्षिणी इलाके व राज्य आगजनी, दैविय विभिषिका तथा राज्य सरकारों के विरुद्ध लोगों में आक्रोश दिखेगा परन्तु वास्तु के अनुसार छत्तीसगढ़ की भौगोलिक स्थिति उत्तर – दक्षिण की ओर लंबवत होने के साथ ही बैकुंठपुर से देवसिल तक का हिस्सा उत्तर पूर्व की ओर बढ़ा हुआ हिस्सा गोमुखी मुद्रा बन जाता है, जिसके कारण छत्तीसगढ़ राहु, शनि के वृश्चिक राशि पर संचरण करने से कोई कुप्रभाव नही राज्य की जनता व सरकार पर नहीं पड़ेगा। यदि बात की जाय दुर्ग, बालोद और बेमेतरा कि तो यह छत्तीसगढ़ के मध्य भूभाग पर स्थित है अथ: यहाँ किसी भी प्रकार का राहु, शनि जनित कुप्रभाव नहीं पड़ेगा। वहीं दक्षिणवर्ती इलाका दंतेवाड़ा, चिंतनलार तथा आंध्र प्रदेश से सटे स्थानों पर आगजनी, हिंसा तथा लोगों में भय की व्याप्ति आदि की संभावना राहु, शनि दे सकते हैं। ज्ञात हो कि जनवरी 2013 के बाद राहु व शनि तुला राशि में इकठ्ठे हो जाएंगे। यह युति 18 महीनों तक रहेगी। इन दोनो ग्रहों के एक राशि पर रहने से देश में महंगाई बढ़ेगी, बाहरी शक्तियों के इशारे पर देश में सरकार के प्रति लोगों में गलतफहमियाँ बढ़ेंगी। इसलिए नकारात्मक घटनाओं में बढ़ौतरी हो सकती है। राहु व शनि का गोचर में इकठ्ठे होना अच्छा नहीं है, परन्तु व्यक्तिगत कुंडलियों में दोनों ग्रहों की स्थिति उनके कुण्डली में स्थित ग्रहों के अनुसार शुभाशुभ फल कहा जा सकता है।

1. मेष राशि: सप्तम में शनि एवं अष्टम में शनि राहु की आपके स्वास्थ्य पर पैनी निगाह है अत: आप स्वास्थ्य के प्रति सचेत रहें। फिलहाल राजनीतिक, समाजिक व पारिवारिक वर्चस्व बढ़ेगा। आय में बढ़ोत्तरी होगी। नौकरी में उन्नति के योग हैं। शिक्षा के क्षेत्र में बड़ी उपलब्धि के आसार।
2. वृषभ राशि: आपकी राशि पर गुरु, केतु की यूती और सप्तम में राहु, शनि मिश्रीत फल देने वाले होंगे। व्यापार में सफलता। यात्रा के योग तथा विशिष्ट कार्य सिद्धि के साथ आत्मबल बढ़ेगा।
3. मिथुन राशि : आपके राशि के पंचम शनि राज्याधिकार से वंचित कर सकता है अत: गुप्त शत्रुओं से सावधानी बरतें। अधिक क्रोध से व्यापार प्रभावित हो सकता है, अत: वाणी पर संयम रखें। पीड़ा तथा कर्ज की स्थिति वाला रहेगा। खर्च पर संयम करना पड़ेगा।
4.कर्क राशि : आंग्ल नवर्षारम्भ के समय आपकी ही राशि पर चंद्र स्थित हैं, तथा चौथे शनि-ढैय्या आगे आने वाली कठिनाईयों को दर्शाते हैं अत: क्षमता से अधिक कर्ज लेने से आपको बचना होगा। वैसे सामान्यतया वर्र्ष पर्यन्त मन में उत्साह, बल, बुद्धि का परिवर्तन होगा। विविध कार्य से आर्थिक स्थिति सुधरेगी।
5. सिंह राशि: शत्रुभाव में मंगल उच्च का है अत: नये व्यापार की शुरुआत में आ रही कठिनाईयाँ समाप्त होंगी और सफलता भी मिलेगी।यह वर्ष मंगलकारी, व्यापार-कारोबार में विस्तार वाला रहेगा। राज्य पक्ष से मान-सम्मान मिलने के योग है। स्थिर मन से काम करना होगा। जानवर एवं वाहन से सावधान रहें। अति स्वाभिमान, क्रोध का त्याग करें।
6. कन्या राशि: आपकी ही राशि कन्या में वर्ष 2013 का प्रवेश हो रहा है। अत: भाग्य-वृद्धि, लाभ प्रतिष्ठा में इच्छित फल देने वाला रहेगा। मनोरथ सिद्ध होने के साथ कोष-खजाने में वृद्धि होगी। स्थायी संपत्ति के योग है। जीवन सुखमय होगा। भावुकता पर काबू रखें धोखा हो सकता है।
7. तुला राशि: वालों के लिए यह वर्ष शनि की साढ़ेसाती के दूसरे ढैया वाला रहेगा। यह वर्ष मिश्रित फल वाला रहेगा। सुख-दुख के साथ पूर्वाद्र्ध में अपमान, अपयश, संघर्ष जैसी स्थिति कर्ज, खर्च अनायास विषमता का सामना करना पड़ेगा। स्वास्थ्य की तकलीफ हो सकती है। अपनी वाणी पर भी संयम रखें।
8. वृश्चिक राशि: वालों के लिए यह वर्ष शनि की साढ़ेसाती के प्रथम ढैय्या वाला रहेगा। शुभाशुभ मिश्रित फलवाला, मानसिक तनाव व चिड़चिड़ापन एवं अनेक भूचाल के साथ सफलता मिलने वाला वर्ष रहेगा। महत्वकांक्षा त्याग कर अपने समय अनुसार फल पाकर संतोष रहेगा। असमय अपवाद की स्थिति निर्मित हो सकती है।
9. धनु राशि : आपकी राशि के दूसरे भाव में मंगल है अत: क्रोध पर काबू रखें। नई योजना, भूमि-भवन, वाहनआदि कार्यों में सफलता तो मिलेगी परन्तु कर्ज भी बढ़ सकता है। वर्ष के मध्य अर्थात् जून से घर में मांगलिक कार्य के योग बनते हैं।
10.मकर राशि: यह वर्ष आपके लिए उत्तम रहेगा। साझेदारी के काम में असफलता हो सकती बिचौलिए परस्पर में भ्रम कि स्थिति उत्पन्न कर सकते हैं। अत: संजिदगी से काम लेना पड़ेगा। नौकरी में उन्नति के योग हैं। शिक्षा का स्तर तो बढ़ेगा ही साथ ही उत्तम सफलता मिलने से मन प्रफुल्लित होगा।
11. कुंभ राशि : चौथे गुरु एवं भाग्य भाव में शनि आपके आर्थिक सुधार में मदद करेंगे। कार्य व्यवसाय में सफलता मिलेगी। घर में मांगलिक कार्य होने के आसार। संतानोत्पत्ति से मन में हर्ष होगा। उत्तर दिशा की यात्रा होगी।
12. मीन राशि: अष्टम में शनि आपके स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकते हैं। जल का अधिक सेवन करें स्नायुतंत्र की परेशानी आ सकती है। पारीवारिक मनमुटाव समाप्त होगा। पत्नि के स्वास्थ्य में सुधार होगा। नया व्यापारीक निवेश शुभ है लाभ व सफलता भी। भूमि व मकान का योग है।

-ज्योतिषाचार्य पं.विनोद चौबे, संपादक ‘ज्योतिष का सूर्यÓ राष्ट्रीय मासिक पत्रिका, मोबाईल नं. 09827198828, भिलाई

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